आलू-चिली - चैप्टर-१૮

आलू के साथ फ्रेन्डशिप तोड़कर रोते-रोते चला जाता है। तब आलू अपनी और चिली की बचपन की बातें पार्सली को बताता है। बचपन में आलू का कलर अलग होने के कारण सभी उसे 'रंगीन रोतलुं' कहकर चिढ़ाते थे। जब आलू ने पहली बार स्केटिंग ट्राइ की तो सबने उसे बहुत चिढ़ाया। इसलिए वह दुःखी होकर तालाब पर चला गया। अब आगे...

मैं तालाब के किनारे बैठा था। पानी में अपनी परछाई देखकर सोच रहा था कि काश मैं भी सबकी तरह दिखता! तो मेरे साथ ऐसा नहीं होता। तभी मुझे एक आवाज़ सुनाई दी, ‘ए मोटे, मुझे पहचाना? मैं चिली...’ मैंने देखा चिली पानी में उल्टा होकर मस्ती कर रहा था। कई साल पहले जब जंगल में आग लगी थी, तब चिली के साथ मेरी पहचान हुई थी। लेकिन मैं उसे ज्यादा नहीं जानता था। लेकिन उस दिन तालाव पर उसने मुझे इस तरह बुलाया मानों हमारी बहुत पुरानी जान-पहचान हो।

वह मुझे कहने लगा, ‘मैं बड़ा होकर महान सिंगर बनूँगा और पूरा जंगल मेरा ऑटोग्राफ लेने आएगा। अगर तुम्हें चाहिए तो बता दो। मैं अभी तुम्हें दे दूँगा।’

 मैंने बिना सोचे-समझे उसे अपना नोट दे दिया। फिर वह कहने लगा, ‘मोटे, पहले अपना नाम तो बताओ! ‘तो मेरे मुँह से निकल गया, ‘रंगीन रोतलुं।’ तो वह जोर-जोर से हँसने लगा और बोला, ‘यह कैसा नाम है? तुम रंगीन कैसे हो सकते हो? तुमसे ज्यादा रंगीन रोतलुं तो मैं हूँ। तुम रंगीन रोतलुं, तो मैं रंगीन (छोतरुं) छिलका।’ अब एक तोता भी मेरा मजाक उड़ा रहा है! यह सोचकर मेरा मुँह लटक गया।

 मेरा चेहरा देखकर वह आकर सीधे मेरे कंधे पर बैठ गया और कहने लगा, ‘देखो आलू, तुम चिंता मत करो। तुम स्केटिंग करो। तुम्हें कोई परेशान करेगा तो मैं उसे देख लूँगा।’ मैंने उससे पूछा कि ‘तुम्हें मेरा नाम कैसे पता है?’ तो उसने कहा, ‘मुझे सब पता रहता है। तुम भी रंगीन, मैं भी रंगीन। क्या तुम मेरे बेस्ट फ्रेन्ड बनोगे?’ बेस्ट फ्रेन्ड ? पूरे जंगल में मेरा कोई फ्रेन्ड नहीं था और यह चिली तो सीधा मेरा बेस्ट फ्रेन्ड बनने को तैयार हो गया!

दूसरे दिन चिली मुझे जबरदस्ती स्केटिंग करने ले गया और मुझसे कहा, ‘देखो आलू, तुम मेरे बेस्ट फ्रेन्ड हो। इसलिए मैं तुम्हें एक सिक्रेट बताता हूँ। अगर आज तुम्हें कोई चिढ़ाए न तो तुम एक बड़ी स्माइल देना और अगर कोई तुम्हें परेशान करेगा तो मैं उसे देख लूँगा।’ मुझे लगा, इतना छोटा बच्चा इतने बड़े-बड़े हाथी के बच्चों को कैसे देख लेगा? मैंने कहा, ‘लेकिन...’ तो वह बीच में बोल पड़ा, ‘अरे रे, तुम्हें स्माइल देना भी नहीं आता? रुको, मैं सिखाता हूँ’, ऐसा कहकर उसने मुझे एक बड़ी सी स्माइल दी।

वो कार्टून जैसा लग रहा था, उसे देखकर मुझे हँसी आ गई। तो उसने मुझसे कहा, ‘अरे आलू! तुम्हें तो स्माइल करना आ गया। चलो बाइ...’ कहकर वह उड़ गया।

 

 

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