एक दिन सभी पांडव, कौरव, गुरु के साथ जंगल में शिकार के लिए घूमते–घूमते एकलव्य जहाँ बाण विद्या का अभ्यास कर रहा था, वहाँ पहुँचे। उनका कुत्ता एकलव्य को देखकर भौंकने लगा। अपने अभ्यास में खलल होते देखकर उसने कुत्ते के मुँह में इस तरीके से बाण फेंके की उसे लगे भी नही और भौंकना बंद कर दे।